Deenu Ki Pukaar (Hasya Vayangya) : दीनू की पुकार (हास्य व्यंग्य)


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About The Book

बागी चाचा बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। अपने कॉलेज में उन्हें बेस्ट डिबेटर चुना गया। चित्रकला में 1970 में कुरूक्षेत्र विश्व विद्यालय से पेंटिंग का प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। अब पूरी तरह कविता की हास्य-व्यंग्य धारा में समर्पित हैं। आजकल जहां अनेक कवि चुटकलों और लफ्फाजी से अपने को कवि सम्मेलन में सफल पाते हैं। वहीं बागी चाचा आरम्भ से ही शब्द–चयन आलंकारिक प्रयोग सहज सरल शालीन भाषा में कविता के पक्षधर हैं। उनका हास-परिहास स्वतः स्फूर्त है । बागी चाचा की रचनाएँ समाज में व्याप्त बुराईयों विद्रूपताओं से टकराव करते सीधे चोट करती हैं। दीनू की पुकार एक श्रेष्ठतम व्यंग्य है जिसमें डॉक्टर कहाँ तक व्यावसायिकता में गिर सकता है उसका एक उत्तम उदाहरण है।
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