हिन्दी में यह मेरी पहली पुस्तक है। मैंने अपने व्यावहारिक दृष्टिकोण से अपने भावों को इस पुस्तक के माध्यम से आप तक पहुंचाने की कोशिश की है। जिन्दगी की कशमकश को पन्नों में उतारा है। इस पुस्तक में व्याप्त भाव के माध्यम से एक आम इंसान अपनी जिंदगी के कई पहलुओं के यादगार लम्हों को सीधा खुद से जोड़ सकेगा। मिसाल के तौर पर ‘ये तुम और ये जिन्दगीहमसे कोई खेल ना खेल पातेहम हाथ पकड़ माँ का स्कूल चले जातेकाश थोड़ा बचपन में वापस जा पाते।’इस पुस्तक के जरिये इन्होंने समाज की कुरीतियां महिलाओं की स्थिति दहेज और राजनीति जैसे कई मुद्दों को उठाया है। मिसाल के तौर पर - यूं कुर्सियों पर बैठे लोग यूं हीगरीबों के जख्म को नज़रअंदाज़ करते हैंफिर राजनीति में उतर कर राजनीति को आबाद करते हैं।इस किताब में रोमांटिक शायरी का संग्रह भी है। मिसाल के तौर पर - जो बात तेरी बात में हैवो सुबह की अज़ान में नहींजो खनक तेरी आवाज में हैवो किसी सितार में नहीं।।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.