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About The Book
Description
Author
संविधान निर्माताओं को इसमें कोई संशय नहीं था और वे स्पष्ट थे कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की संकल्पना तब तक अव्यावहारिक है जब तक कि दिल्ली भारत संघ की राजधानी और केंद्र सरकार का मुख्यालय है। संविधान निर्माताओं द्वारा प्रकट किए गए एकमत वाले विचारों के बावजूद एवं संकीर्ण निहित स्वार्थों हेतु स्थानीय स्तर पर कुछ राजनीतिक दलों ने हमारे राष्ट्रीय प्रतिरूपों के बुद्धिमत्तापूर्ण विजन के प्रतिकूल समय-समय पर पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की माँग जारी रखी है। दिल्ली के मतदाताओं के विजन बुद्धि और दूरदर्शिता का अभिवादन जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में इस माँग के हिमायतियों को लोकसभा में एक भी सीट न देकर पूर्ण राज्य के दर्जे के मुद्दे को खारिज कर दिया। इस विषय पर यह एक ऐसी पुस्तक है जो अनेक रहस्यों को खोलती है। अतः इसका अध्ययन पाठकों का ज्ञानवर्धक करेगा।