*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹109
₹125
12% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
इस कृति में श्री मोहनलाल मिश्र “धीरज” जी का व्यंग्यकार रूप उभर कर सामने आया है। सामाजिक आर्थिक राजनैतिक सांस्कृतिक विद्रूपताओं को बड़ी ही बारीकी से सरल-सरस व्यावहारिक तरीके से चुटीले अंदाज में मनोविनोद शैली में उकेरा है जिसके अगवाहन से पाठकों में हँसी के फव्वारे तो छूटते ही हैं लेकिन अन्ततः इन विद्रूपताओं से मुँह नहीं मोड़ पाता और सोचने के लिए विवश हो जाता है यही तो रचना की सार्थकता है और रचनाकार की कुशलता है। इस कृति में अठारह लेखों के माध्यम से “धीरज” जी ने समाज के विभिन्न पहलुओं को बारीकी से छुआ है। पाठकों में निःसन्देह शीर्षक “धर्म-जीजा” से ही कौतुहल उत्पन्न हो जाता है और अन्तिम लेख तक जिज्ञासा बराबर बनी रहती है।