धीरज के जादू से जुबान कान आँख नाक और हाथ सब असली खुशी पाने का साधन बन जाते हैं। बिना धीरज यही इंद्रियाँ रोग और विकार का कारण बन जाती हैं। जैसे...जुबान - धीरज = साँप का जहर गाली बद्दुआ।जुबान + धीरज = विकास की सीढ़ी रिश्तों में मिठासकान - धीरज = युद्ध का मैदान शोरकान + धीरज = सत्य श्रवण का द्वारआँख - धीरज = माया का विज्ञापनआँख + धीरज = करुणा की लहरों का महासागरनाक - धीरज = डर यम का बैल कम साँसेंनाक + धीरज = प्राणायाम लंबा स्वस्थ जीवनहाथ - धीरज = पाप कर्महाथ + धीरज = महानिर्वाण निर्माण का साधनधीरज में ताकत है धीरज में जादू है। धीरज निरंतर प्रयास है प्रहार है जो हर मुसीबत से आपको निकाल सकता है। हर कार्य के साथ यदि धीरज जुड़ जाए तो जीवन सीधा सहज सरल बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप धीरज पाने के लिए धीरज के साथ प्रयत्नशील रहें।कुछ नहीं करना केवल इंतजार करना धीरज नहीं है। तो सवाल आ सकता है कि यह कैसे करें? जवाब बिल्कुल आसान है। इसके लिए आपको केवल यह पुस्तक पढ़कर इसमें दिए गए मार्गदर्शन को अपने दैनिक जीवन में उतारना है। www.watchwaitandwonder.com यानी थोड़ा देखें थोड़ा इंतजार करें मगर आश्चर्य के साथ!