Dhuan Dhuan Ishq

About The Book

हिंदी साहित्य में मेरी रुचि स्कूल के दिनों से ही थी। स्कूल कॉलेज का ज़्यादातर वक़्त प्रसिद्ध साहित्यकारों को पढ़ते हुए लाइब्रेरी में ही गुज़रा। कागज़ पर जज़्बात शब्दों में ढलते हुए कब कविता बनने लगी पता ही न चला। मेरा मानना है की ज़िंदगी हमें रोज़ छूकर गुज़रती है। रोज़ महसूस होती है आस पास के लोगों में प्रकृति में समाज में। जिंदगी को अलग ढंग से देखने की दृष्टि हमें अलग व्यक्तित्व प्रदान करती है। संवेदनशीलता से जिंदगी को महसूस करना और शब्दों में पिरोना ही लेखन का असली मर्म है। मेरा मानना है दिल से ईमानदारी से कही गई बात दिल को ज़रूर छूती है पाठक उससे connect कर पाते हैं। लफ़्ज़ ही वो माध्यम है जिससे कोई दिल में उतरता है या दिल से उतर जाता है। बस ज़िंदगी के पन्नों पर दर्द और अहसास लिखने की कोशिश की है कि मेरी नज़र से ज़िंदगी कैसी है। रोज़ छू कर गुज़रती है जो जिंदगी उस पर एक नई कविता लिखती हूँ....! बेशक जिंदगी में कुछ बड़ा न कर पाऊँ लोगों के दिलों को छू जाना चाहती हूँ। जो भी मुझसे मिले इस ज़िंदगी की भागमभाग से बेचैन लोगों को अपने शब्दों से राहत और सुकून प्रदान करना ही मेरी जिंदगी का सपना है। धुआँ धुआँ इश्क़ ज़िंदगी के हर पहलू को छूता एक काव्य संग्रह...कंचन अद्वैता
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