धुँध को विशुद्ध प्रेम कहानी कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। इसमें वो सब है जो एक रोचक प्रेम कहानी के लिए आवश्यक होता है क्योंकि प्रेम में असफलता प्रेम को प्रेम ही बनाय�¥ ‡ रखती है कुछ और नहीं होने देती। इस उपन्यास में लेखिका ने प्रेम की जटिलताओं और भावनात्मक द्वंद्वों को बखूबी चित्रित किया है। विहान के सहज प्रेम और दिवाकर के उपकारों बीच खड़ी बेबस अनु को उसकी निराशा और घुटन अवसाद तक ले जाती है। एक का अविश्वास और दूसरे का धोखा उसके जीवन को ऐसी धुंध से भर देता है जहाँ उसके लिए सब खत्म हो जाता है किंतु जब वो धुँध छटती है तो उसके सब कुछ बदल जाता है। इस घटनाक्रम को लेखिका ने संवादों और दृश्यों के माध्यम से जीवंत करने में सफलता पाई है इसलिए यह उपन्यास अपनी सहजता और अप्रत्याशित घटनाक्रम के कारण पाठक के मन में जिज्ञासाएँ पैदाकर अंत तक जोड़े रखने में सफल रहता है।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.