स्वामी राम आंतरिक जीवन के लिए अपनी इस व्यवहारिक मार्गदर्शिका के माध्यम से हमें सीखा रहे हैं कि हम अपनी सामान्य विचार प्रक्रियाओं के मानसिक कोलाहल से पर जाकर किस प्रकार चेतना के अनंत स्त्रोत से संपर्क साध सकते हैं | इस पुस्तक के द्वारा हम मार्गदर्शन रचनात्मक शक्ति आनंद व् संतुष्टि भी पा सकते हैं | पुस्तक में वर्णित ध्यान में प्रगति के लिए कार्यक्रम उन सभी आंतरिक संसाधनो के द्वार खोलता है जो पहले से ही हमारे पास मौजूद तो हैं परंतु हम उनका लाभ लेना नहीं जानते | ये भारतीय ऋषि - मुनियों की ऐसी तकनीकें हैं जिनका उपयोग वे सदियों से करते आए हैं ताकि वे अपने संपर्क में आने वाले लोगों के साथ पूर्ण सामंजस्य स्थापित कर सकें जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए शक्ति जुटा सकें और स्वयं को जान सकें |
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