Digital Kanoonon Se Samriddha Bharat "डिजिटल कानूनों से समृद्ध भारत" Book In Hindi


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About The Book

भारत में एक अरब आबादी मोबाइल और इंटरनेट से जुड़ी है। आटे से सस्ता डाटा होने की वजह से बच्चे बूढ़े और जवान—सभी दिन भर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। समाज के सभी वर्गों में इंटरनेट सोशल मीडिया और ऑनलाइन पेमेंट का विस्तार हो गया है लेकिन उस अनुपात में डिजिटल साक्षरता नहीं बढ़ने की वजह से भारत साइबर ठगों की सबसे बड़ी मंडी बन गया है। देश में परंपरागत कारोबारियों पर अंग्रेजों के जमाने के हजारों जटिल कानूनों का बोझ लदा हुआ है लेकिन डिजिटल इंडिया में वर्चस्व बना रही विदेशी कंपनियाँ भारतीय कानून और टैक्स के दायरे से बाहर हैं। डिजिटल कंपनियों ने मुफ्त की अनेक सेवाओं के प्रलोभन से भारत के 140 करोड़ लोगों के डेटा को लूट लिया है। ब्रिटेन और फ्रांस ने 18वीं सदी के भारत में सैन्य बल से जो औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित किया था 21वीं सदी में अमेरिका और चीन जैसे देश उसे इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के दम पर हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। इंटरनेट कंपनियों पर सभी कानून लागू होने के साथ पूरे टैक्स की वसूली हो तो युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के साथ पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाले समृद्ध भारत का सपना साकार हो सकता है।
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