मन्मथनाथ गुप्त एक महान क्रांतिकारी थे। इसलिए उनके लेखन में क्रांति की मशाल की छाप स्पष्ट दिखाई देती है। दिशाहीन उपन्यास में भी ऐसे ही युवकों की कहानी है जो देश के लिए कुछ करना चाहते हैं लेकिन सही मार्गदर्शन न मिलने के कारण वे अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं और आतंकी बन बैठते हैं। लेकिन अंतत: अपने संस्कारों के जागृत होने पर संभल भी जाते हैं। About the Author मन्मथनाथ गुप्त भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी तथा सिद्धहस्त लेखक थे। उन्होंने हिन्दी अंग्रेजी तथा बांग्ला में आत्मकथात्मक ऐतिहासिक एवं गल्प साहित्य की रचना की है। स्वतन्त्र भारत में वे योजना बाल भारती और आजकल नामक हिन्दी पत्रिकाओं के सम्पादक भी रहे।
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