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About The Book
Description
Author
प्रस्]तुत पुस्]तक में कराची के एक महान पारसी योगी मिनोचर के स्]पेंसर (1888-1958) के अमर आध्]यात्मिक ग्रंथ में प्रकाशित हुए उन 77 अनूठे आध्]यात्मिक उपदेशों का अनुवाद (अनुवादन प्रो. सत्]यपाल रुहेला) है जो कि उन्]हें देवलोक से भगवानरी शिरडी साईं बाबा से 3 नवम्]बर1952 से 18 फरवरी 1953 की अवधि में उनके ध्]यान सत्रों में प्राप्]त हुए थे। ये उपदेश सभी धर्मों के महान धर्मगुरुओं यथा जोराष्]ट कृष्]ण बुद्ध मोजेज क्राइस्]ट और मोहम्]मद की शिक्षाओं तथा संसार के सभी देशों के महान संतों की शिक्षाओं का अद्भुत अद्वितीय सम्मिलित रसायन है जोमानवताकेलिएकए अत्]यंत बहुमूल्]य आध्]यात्मिक चिंतन हेतु भोज्]य पदार्थ है। ये अत्]यंत सुंदर भाषा में बहुतही सारगर्भित संदेश हैं।