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About The Book
Description
Author
मुझे कविताएँ लिखने और पढ़ने का शौक बचपन से ही था। लेकिन कविताएँ रखकर इधर उधर रख दिया करता था और कुछ दिन बाद वो गुम हो जाती थीं। मुझे कबीर और रहीम के दोहे बड़े अच्छे लगते थे और उन्हीं का अनुसरण करके मैं कभी कभी दोहे लिखा करता था। इसके अलावा मुझे ऑफिस में सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी संचालित करने का बड़ा शौक था। वहां पर अतिथियों का स्वागत उनका आभार और उनकी विदाई के उपलक्ष में कुछ मुक्तक लिखकर उनको सुनाया करता था। इन्हें सुनकर सब खुश होते और प्रशंसा भी करते थे। इस तरह से मैंने बहुत सारे मुक्तक (दो चार लाईना) लिख डाला। इसके अलावा चूँकि मेरा बचपन प्रकृति के सानिंध्य में प्रतीत हुआ और प्राकृतिक चीज़ों से प्रभावित होकर मैंने प्रकृति सम्बंधित रचनाएँ भी लिखीं। ये पुस्तक मेरी प्रधान पुस्तक है जिसके माध्यम से मैं उपरोक्त सभी रचनाओं को आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। मुझे आशा है की मेरी कविताएँ आप लोगों को पसंद आएंगी।