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About The Book
Description
Author
कुछ वर्ष पूर्व की बात है मुझे टीवी धारावाहिक निर्माता श्री विनोद शर्मा ने छोटे आकार के व्यंग्य लिखने को कहा जिन्हें वे नए सोशल मीडिया विशेष कर ‘यूट्यूब’ पर लघु फिल्मों के रूप में प्रसारित करना चाहते थे। ऐसे में ही एक दिन ‘जनसत्ता’ के वरिष्ठ सम्पादन सदस्य श्री संजय स्वतंत्र ने भी मुझे ढाई सौ शब्दों तक के व्यंग्य लिखने की सलाह दी मुझे एक विशेष विचार बल्कि कह सकते हैं कि सूझा कि गद्य व्यंग्य की जो रचना प्रायः 700 से 1000 शब्दों के आसपास होती हैं उसे वन लाइनर कहा जाता है। क्यों न मैं 250 से 500 के लगभग शब्दों की एक विधा या कहें शैली बनाऊं जिसे ‘हाफ लाइनर’ का नाम दिया जाए। ...बस सिलसिला चल पड़ा। बहरहाल ‘हाफलाइनर’ हिंदी व्यंग्य में एक लघु गद्य रचना शैली है।