प्रस्तुत पुस्तक में दूरवर्ती शिक्षा के आवश्यक आयामों के साथ-साथ दूरवर्ती शिक्षा की अवधारणा, तत्व तथा स्तर, दूरवर्ती शिक्षा का विकास, दूरवर्ती शिक्षण और परम्परागत शिक्षण, दूरवर्ती शिक्षा के सिद्धान्त, दूरवर्ती शिक्षा की संस्थाएँ, दूरवर्ती शिक्षा के प्रमुख विश्वविद्यालय, दूरवर्ती शिक्षा का पाठ्यक्रम, दूरवर्ती शिक्षा में पाठ्यक्रम योजना, स्व-अधिगम शिक्षण सामग्री, दूरवर्ती शिक्षा में शैक्षिक प्रौद्योागिकी, दूरवर्ती शिक्षा में दत्तकार्य, दूरवर्ती शिक्षा-शिक्षार्थी और सहायक सेवाएँ, दूरवर्ती शिक्षा में मानदण्ड, और दूरवर्ती शिक्षा का भविष्य आदि चौदह अध्यायों में पूर्ण किया गया है। यह पुस्तक दूरवर्ती शिक्षा के प्रमुख अध्यायों को ध्यान में रखकर लिखी गई है। प्रस्तुत पुस्तक बी.एड., एम.एड., बी.ए. शिक्षाशास्त्र, एम.ए. शिक्षाशास्त्र, एम.फिल तथा शोधार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।