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About The Book
Description
Author
विजय नाथन स्वामी जी ने एहसास-ए-अल्फ़ाज़ काव्य-संग्रह में अपने जीवन से जुड़े अनुभवों जीवन के विभिन्न पलों और अपने दिल की भावनाओं को प्रस्तुत किया है। इस पुस्तक में उन्होंने ज्यादातर समाज से जुड़ें कई मुद्दों पर अपनी रचनायें प्रस्तुत की है। इस काव्य-संग्रह में आपको जिंदगी समय कर्तव्य दोस्ती समाज आदि विषयों पर कवितायें देखने को मिलेगी।जीवन एक खोज-खोजदौड़े मानव रोज-रोजबीच में माया का बाजकरता हूँ आगाज“एहसास-ए-अल्फ़ाज़”-विजय नाथन स्वामीAbout the Authorविजय नाथन स्वामी जी का जन्म सरकाघाट के एक गांव बस्तला में हुआ। उनके पिता का नाम मनोहर लाल और माता का नाम उमा देवी है। पहाड़ों की हरियाली में खेल कूद कर इन्होंने जी. एस. एस. एस. नबाही से बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद इन्होंने जी. डी. कौ. सरकाघाट से बी. एस. सी. व आई. के. जी. पी. की. यू. जालंधर से एम. एस. सी. फिजीक्स में पहला स्थान ग्रहण करके डिग्री हासिल की। इसके बाद इन्होंने बी. एड. की शिक्षा प्राप्त की। अपने लिखने की शुरूआत पर ये कहते है कि लिखने का शौख तेरह वर्ष की उम्र से ही भारती सर की प्ररेणा और प्रयास से मन को भा गया। अतः पहली बार कविता साथी सुरज चांद और तारे व वर्षा और बादल स्कूल की पत्रिका में प्रकाशित हुई। साथ में इन्हें हस्त रेखा का ज्ञान भी है। ये एक कराटे चैंपियन एवं निरंकारी है व एक अध्यापक के रूप में अपने जीवन में संतुष्टि पाने के लिए अपने हर एहसास के अल्फ़ाज़ को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।