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About The Book
Description
Author
रात के पर्वत तले कुछ स्वप्न पलकों से झरे. उन मोतियों को रात भर चुनती रही हर सुबह एक गीत को बुनती रही.... ‘एहसास’… शब्दों की एक माला जो ज़िंदगी के हर एक रंग में रंगी है। ये कुछ ग़ज़लों और नज़्मों में मानवीय भवनाओं को समेटता मेरा पहला काव्य संग्रह है। इसमें कुछ सवालात हैं कुछ जवाब हैं और पन्नों पर बिखरे कुछ एहसास हैं। रात के पर्वत तले कुछ स्वप्न पलकों से झरे। उन मोतियों को रात भर चुनती रही हर सुबह एक गीत को बुनती रही.... उम्मीद है जमाने के बदलते रंग-रूप को प्रतिबिम्बित करता ये काव्य संग्रह प्रबुद्ध पाठकों को बहुत पसंद आए-नीरजा सुमन।