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About The Book

‘अम्बेडकरचरितमानस’ का दूसरा संशोधित संस्करण आपके सामने प्रस्तुत करते हुए खुशी हो रही है। डॉ० भीमराव अम्बेडकर पर लिखी ‘अम्बेडकरचरितमानस आस्था एवं श्रद्धा का प्रतीक है। मैंने अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़े वर्ग काश्तकार मजदूरों महिलाओं के सम्मान का प्रतीक यह महाकाव्य ग्रन्थ लिखा जो कुल खण्ड-६ अध्याय-२६ एवं सात हजार नौ सौ बासठ दोहा में अंकित हैं। मेरे द्वारा इस ग्रन्थ की रचना की गई। समाज में हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई पारसी धर्म में रहने वाले सभी की एक परम्परा उनकी एक वेशभूषा उनकी पूजा करने की प्रकृति उनका एक धर्म उनका एक भगवान होता है। हिन्दू धर्म इस्लाम धर्म सिख धर्म ईसाई और पारसी अपने-अपने भगवान ईश्वर आराध्य देव की पूजा करते हैं परन्तु अछूत (विलियम्स अश्पृश्य) हिन्दू धर्म में रहते हुए भी हिन्दू धर्म के भगवान एवं उनके तरीके को नहीं पा सके तथा अस्पृश्य जाति बनकर रह गये जिसके कष्टों को दूर करने के लिये डॉ. भीमराव अम्बेडकर साहब ने पूरे जीवन लड़ाई लड़ी। करीब ५ हजार वर्ष पहले से संविधान निर्माण तक इस समुदाय का जीवन स्तर किसी जानवर से भी बदतर था मगर इस पीड़ा को महसूस किया।
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