Ek Khwab / एक ख्वाब

About The Book

दिल से निकले कुछ एहसास जो शब्दों में तब्दील हो गए और ये ही कुछ शब्द मिल कर कविताओं में तब्दील हो गए। दिल के सागर में गोते लगाने की बस कोशिश सी की मेने और उस सागर से निकले ये कुछ शब्द मिल कर ही मोती हो गए। कविताओं के इस संग्रह में सम्मिलित हर कविता मेरे दिल के बोहोत करीब है क्योंकि जैसे माली अपने बाग़ को सींचता है संजो के रखता है उससे लाड़ लड़ता है ठीक उसी प्रकार मेने भी इन पंक्तियों को सिर्फ लिखा नहीं है इन पंक्तियों में छिपे हर एक लफ्ज़ को जीया है महसूस किया कभी इन्होने मुझे कभी मेने इनसे लाड़ लड़ाया है। अपने दिल को खोल कर रख रहा हु आपके समक्ष उम्मीद करता हूँ इन्हे पढ़ने वाला भी मेरी तरह ही इनसे राब्ता रखेगा। ज़िन्दगी में जब कोई ऐसा अपना मिल जाता है जो आपकी प्रेरणा बन सके जिसे देख कर आप दुनिया भूल जाओ जिसके एहसास मात्र से चेहरा खुशियों से भर जाये ज़िन्दगी फिर खुशनुमा लगने लगे ऐसा लगे मनो बरसो की तलाश ओर इंतज़ार को आराम ओर भटके हुए मुसाफिर को उसकी मज़िल मिल गयी हो तो बेशक आप अपने ज़िदगी का सबसे सुहाना पल जी रहे है। यह सुहाना समय जीवन भर आप के साथ रह सकता है भले ही वो शक्श रह पाए या नहीं । क्योंकि जो यादों के मोती होते है वो भी बोहोत सुन्दर होते है खुशियों का पैगाम कभी कभी ही सही वो भी ला सकते है उस इंसान का बिछड़ना दुखदाई ज़रूर होता है पर एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसमे खाना ही प्यार नहीं है एक दूसरे के लिए एक दूसरे के बगैर रह कर जीना भी प्यार है।ओर इसी प्यार को पंक्तिबद्ध करके आपके समक्ष रखने की कोशिश की है मैंने “एक ख्वाब” कविता संग्रह से। उम्मीद है आपको ये पसंद आएगी और सबसे महत्वपूर्ण आप इसमें लिखे हर लफ्ज़ से राब्ता रखेंगे।
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