अपने दिल के नरम और नाज़ुक एहसासों को लफ़्ज़ों में उतारना एक अलग ही एहसास कराता है मैंने बहुत छोटी उम्र से लिखना शुरु किया था और मुझे लिखने के लिए प्रोत्साहित करने में मेरे वालिद साहब मरहूम जनाब नसीम अहमद साहब की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ये उनकी दुआओं का ही नतीजा है कि मैं आज ये सब लिख पा रही हूं और इंशाअल्लाह ज़िंदगी ने वफ़ा की तो आगे भी मेरे लिखने का सिलसिला यूं ही चलता रहेगा।मेरी काव्य पुस्तक 'फ़ासले' मेरी तीसरी काव्य पुस्तक है इससे पूर्व मेरी पहली काव्य पुस्तक 'मेरे एहसास' दूसरी काव्य पुस्तक' 'एहसास के मोती' है इन तीनो ही पुस्तको को प्रकाशित करने का श्रेय साहित्य पीडिया टीम को जाता है मैं साहित्य पीडिया टीम का उनके द्वारा मुझे दिये गये इतने प्रेम और सम्मान के लिए मैं उनका दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगी और दुआ करती हूं कि साहित्य पीडिया सफलता के शिखर को स्पर्श करे (आमीन) आखिर में इतना ही कहूंगी कि मेरी तीसरी काव्य पुस्तक 'फ़ासले' भी मेरी दोनों काव्य पुस्तको की तरह मेरे पाठको को पसंद आएगी और उनकी प्रतिक्रियाएं मेरा उत्साहवर्धन कर मुझे और बेहतर से बेहतर लिखने की प्रेरणा प्रदान करेंगी मुझे आप सभी की क़ीमती प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा।शुक्रिया।
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