Famous Hindi Story Book for Children|Hindi Short Stories for Kids : Vikram Betal and Alif Laila Ki Prasidh Kahaniya


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This combo product is bundled in India but the publishing origin of this title may vary.Publication date of this bundle is the creation date of this bundle; the actual publication date of child items may vary.कोई ढाई हजार साल पहले यूनान में एक गुलाम था ईसप । उसने दास-प्रथा के जुल्म और अत्याचार देखे तो उसका हृदय फूट-फूटकर रो पड़ा। उसके अनुभव अनूठी कहानियों की शक्ल में ढल गए। ईसप गली-गली घूमकर बच्चों को ये कहानियाँ सुनाता । वह जहाँ भी जाता बच्चे कहानी वाले बाबा ईसप को घेर लेते और कहानी सुनाने की फरमाइश करते । देखते ही देखते ये सारी दुनिया में जा पहुँचीं । हिंदी के जाने-माने साहित्यकार प्रकाश मनु ने ईसप की ढेर सारी कहानियों को एक नए और खूबसूरत कलेवर में पेश किया है। उन्होंने इतनी सुंदर और भावपूर्ण भाषा में इन्हें लिखा है कि बच्चे-बड़े सभी इन्हें चाव से पढ़ेंगे ।बाइबल विश्व के प्राचीन और महानतम ग्रंथों में से है जिसका लोगों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। बाइबल की कहानियाँ हमें अच्छाई को ग्रहण करने और बुरे कामों से बचने की सीख देती हैं। और यीशु ! वे तो स्वयं में ही एक महागाथा हैं जिनका नाम लेते ही खुद-ब-खुद माथा झुक जाता है।<br>जाने-माने बाल साहित्यकार प्रकाश मनु ने इस पुस्तक में यीशु के उपदेश और शिक्षाओं को छोटी-छोटी सुंदर कहानियों के रूप में बहुत सरस और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। बाइबल की ये ऐसी कहानियाँ हैं जिन्हें बच्चों के साथ- साथ बड़े भी पढ़ें तो इनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं।कोई ढाई हजार साल पहले यूनान में एक गुलाम था ईसप । उसने दास-प्रथा के जुल्म और अत्याचार देखे तो उसका हृदय फूट-फूटकर रो पड़ा। उसके अनुभव अनूठी कहानियों की शक्ल में ढल गए। ईसप गली-गली घूमकर बच्चों को ये कहानियाँ सुनाता । वह जहाँ भी जाता बच्चे कहानी वाले बाबा ईसप को घेर लेते और कहानी सुनाने की फरमाइश करते । देखते ही देखते ये सारी दुनिया में जा पहुँचीं । हिंदी के जाने-माने साहित्यकार प्रकाश मनु ने ईसप की ढेर सारी कहानियों को एक नए और खूबसूरत कलेवर में पेश किया है। उन्होंने इतनी सुंदर और भावपूर्ण भाषा में इन्हें लिखा है कि बच्चे-बड़े सभी इन्हें चाव से पढ़ेंगे ।बाइबल विश्व के प्राचीन और महानतम ग्रंथों में से है जिसका लोगों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। बाइबल की कहानियाँ हमें अच्छाई को ग्रहण करने और बुरे कामों से बचने की सीख देती हैं। और यीशु ! वे तो स्वयं में ही एक महागाथा हैं जिनका नाम लेते ही खुद-ब-खुद माथा झुक जाता है।<br>जाने-माने बाल साहित्यकार प्रकाश मनु ने इस पुस्तक में यीशु के उपदेश और शिक्षाओं को छोटी-छोटी सुंदर कहानियों के रूप में बहुत सरस और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। बाइबल की ये ऐसी कहानियाँ हैं जिन्हें बच्चों के साथ- साथ बड़े भी पढ़ें तो इनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं।भारत में अकबर और बीरबल की कहानियां बहुत प्रसिद्ध और लोकप्रिय हैं। मुगल बादशाह अकबर महान के दरबार में जो नौरत्न थे उनमें से बीरबल एक था। अपनी हाजिरजवाबी बुद्धिमानी और चतुराई के कारण बीरबल बादशाह अकबर का सबसे अधिक विश्वासपात्र सभासद था । अकबर बादशाह की ओर से बीरबल को मिलने वाले अथाह मान सम्मान को देखकर अन्य सभासद मन ही मन में जलते थे इसलिए वे हमेशा उसे नीचा दिखाने के लिए कुछ ना कुछ चाल चलते रहते थे।<br>जबकि बीरबल के रूप में अकबर ने सच्ची सहानुभूति रखने वाले दोस्त को पाया था। उनके बीच जो चतुराई भरी हास्यास्पद घटनाऐं घटीं थीं उन्हीं से भारतीय लोक कथाओं को एक समृद्धशाली विरासत मिलीं। पीढ़ी दर पीढ़ी अकबर बीरबल की ये कहानियां बच्चों के मानसिक विकास के लिए मार्गदर्शक के रूप में सुनाई जाती रही हैं। उन्हीं कहानियों में से कुछ चुनी हुई कहानियां रंगीन चित्रों के साथ यहां प्रस्तुत हैं इन रोचक कहानियों को पढ़कर बच्चों का खूब मनोरंजन होगा ऐसी उम्मीद है।अलिफ लैला की कहानी अरब देश की एक प्रचलित लोक कथा है जो पूरी दुनिया में सदियों से सुनी व पढ़ी जाती रही है। यह हज़ार कहानियों का एक खूबसूरत गुलदस्ता है जिसमें प्रत्येक कहानियां एक फूल की तरह है। इन कहानियों में प्यार सुख दुःख दर्द धोखा बेवफाई ईमानदारी कर्तव्य भावनाएं जैसे भावों का अद्भुत संतुलन है जिसको पाठकों और श्रोताओं को हमेशा लुभाया है। इस कथा के अनुसार बादशाह शहरयार अपनी मलिका की बेवफाई से दुःखी होकर उसका और उसकी सभी दासियों का कत्ल कर देता है और प्रतिज्ञा करता है कि रोजाना एक स्त्री के साथ विवाह करूंगा और अगली सुबह उसे कत्ल कर दूंगा । बादशाह के नफ़रत से उत्पन्न नारी जाति के प्रति इस अत्याचार को रोकने के लिए बादशाह के वजीर की पुत्री शहरजाद उससे शादी कर लेती है । वह किस्सेकहानी सुनने के शौकीन बादशाह को विविध प्रकार की कहानियां सुनाती है जो हज़ार रातों में पूरी होती है । कहानी पूरी सुनने की लालसा में बादशाह अपनी दुल्हन का कत्ल नहीं कर पाता और उसे अपनी बेगम से प्यार हो जाता है । अपनी बेगम की बुद्धिमता से प्रभावित बादशाह औरतों के प्रति अपने मन में उत्पन्न नफ़रत को खत्म करने के अलावा अपनी प्रतिज्ञा भी तोड़ देता है और अंत में अपनी बेगम के साथ हंसीखुशी रहने लगता है।तेनालीराम की कहानियाँ भी अकबर-बीरबल की तरह ही लोकप्रिय हैं | तेनाली को दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में तनालीरमन के नाम से भी जाना जाता है। वे विजयनगर के महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में नियुक्त थे । वे एक चतुर तथा बुद्धिमान व्यक्ति थे। और साथ ही बड़े हाजिर जवाब भी थे उनके आगे तो राजा भी हार मान जाते। वे अपनी सूझबूझ और चतुराई से बड़ी से बड़ी मुश्किल को आसानी से चुटकियों में हल कर देते। वे राजा के बड़े प्रिय भरोसेमंद व सराहनीय मित्रों में से थे। यहाँ हम तेनालीराम व कृष्णदेव राय की कुछ रोचक कहानियाँ चित्रों सहित प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा करते हैं कि पुनः पाठक इन्हें पढ़कर आनंदित होंगे।विक्रम और बेताल की कहानियां बहुत पुरानी है। वे मूल रूप से संस्कृत में लिखी गई थी। उज्जैन के राजा विक्रमादित्य (विक्रम) ने सन्यासी को वादा किया था कि वह बेताल को लेकर आएंगें। बेताल को लाने के लिए यह शर्त थी कि राजा विक्रम सारे रास्ते चुप रहेंगें। अगर राजा विक्रम बोलेंगे तो बेताल वापिस पीपल के पेड़ पर चला जाएगा। जब राजा विक्रम बेताल को लेकर राज्य की ओर जा रहे होते थे तब रास्ते में बेताल राजा विक्रम को एक कहानी सुनाता था। कहानी खत्म होने के बाद बेताल राजा विक्रम से सवाल पूछता था और विक्रम सवाल का उत्तर देता है। उत्तर देते ही राजा अपनी चुप्पी तोड़ देते थे और बेताल उड़ कर चला जाता था। बाल पाठकों के लिए विक्रम और बेताल की कुछ ऐसी ही अनोखी व अविश्वसनीय पूर्ण कहानियों का संग्रह प्रस्तुत कर रहे है। प्रत्येक कहानी कोई न कोई शिक्षा देती है। यही कारण है कि इन्हें सभी आयुवर्ग के पाठक बेहद रूचि से पढ़ते हैं। आशा है कि हमारे बाल पाठक इन कहानियों को पढ़कर आनंदित होंगे।भारत में अकबर और बीरबल की कहानियां बहुत प्रसिद्ध और लोकप्रिय हैं। मुगल बादशाह अकबर महान के दरबार में जो नौरत्न थे उनमें से बीरबल एक था। अपनी हाजिरजवाबी बुद्धिमानी और चतुराई के कारण बीरबल बादशाह अकबर का सबसे अधिक विश्वासपात्र सभासद था । अकबर बादशाह की ओर से बीरबल को मिलने वाले अथाह मान सम्मान को देखकर अन्य सभासद मन ही मन में जलते थे इसलिए वे हमेशा उसे नीचा दिखाने के लिए कुछ ना कुछ चाल चलते रहते थे।<br>जबकि बीरबल के रूप में अकबर ने सच्ची सहानुभूति रखने वाले दोस्त को पाया था। उनके बीच जो चतुराई भरी हास्यास्पद घटनाऐं घटीं थीं उन्हीं से भारतीय लोक कथाओं को एक समृद्धशाली विरासत मिलीं। पीढ़ी दर पीढ़ी अकबर बीरबल की ये कहानियां बच्चों के मानसिक विकास के लिए मार्गदर्शक के रूप में सुनाई जाती रही हैं। उन्हीं कहानियों में से कुछ चुनी हुई कहानियां रंगीन चित्रों के साथ यहां प्रस्तुत हैं इन रोचक कहानियों को पढ़कर बच्चों का खूब मनोरंजन होगा ऐसी उम्मीद है।अलिफ लैला की कहानी अरब देश की एक प्रचलित लोक कथा है जो पूरी दुनिया में सदियों से सुनी व पढ़ी जाती रही है। यह हज़ार कहानियों का एक खूबसूरत गुलदस्ता है जिसमें प्रत्येक कहानियां एक फूल की तरह है। इन कहानियों में प्यार सुख दुःख दर्द धोखा बेवफाई ईमानदारी कर्तव्य भावनाएं जैसे भावों का अद्भुत संतुलन है जिसको पाठकों और श्रोताओं को हमेशा लुभाया है। इस कथा के अनुसार बादशाह शहरयार अपनी मलिका की बेवफाई से दुःखी होकर उसका और उसकी सभी दासियों का कत्ल कर देता है और प्रतिज्ञा करता है कि रोजाना एक स्त्री के साथ विवाह करूंगा और अगली सुबह उसे कत्ल कर दूंगा । बादशाह के नफ़रत से उत्पन्न नारी जाति के प्रति इस अत्याचार को रोकने के लिए बादशाह के वजीर की पुत्री शहरजाद उससे शादी कर लेती है । वह किस्सेकहानी सुनने के शौकीन बादशाह को विविध प्रकार की कहानियां सुनाती है जो हज़ार रातों में पूरी होती है । कहानी पूरी सुनने की लालसा में बादशाह अपनी दुल्हन का कत्ल नहीं कर पाता और उसे अपनी बेगम से प्यार हो जाता है । अपनी बेगम की बुद्धिमता से प्रभावित बादशाह औरतों के प्रति अपने मन में उत्पन्न नफ़रत को खत्म करने के अलावा अपनी प्रतिज्ञा भी तोड़ देता है और अंत में अपनी बेगम के साथ हंसीखुशी रहने लगता है।तेनालीराम की कहानियाँ भी अकबर-बीरबल की तरह ही लोकप्रिय हैं | तेनाली को दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में तनालीरमन के नाम से भी जाना जाता है। वे विजयनगर के महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में नियुक्त थे । वे एक चतुर तथा बुद्धिमान व्यक्ति थे। और साथ ही बड़े हाजिर जवाब भी थे उनके आगे तो राजा भी हार मान जाते। वे अपनी सूझबूझ और चतुराई से बड़ी से बड़ी मुश्किल को आसानी से चुटकियों में हल कर देते। वे राजा के बड़े प्रिय भरोसेमंद व सराहनीय मित्रों में से थे। यहाँ हम तेनालीराम व कृष्णदेव राय की कुछ रोचक कहानियाँ चित्रों सहित प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा करते हैं कि पुनः पाठक इन्हें पढ़कर आनंदित होंगे।विक्रम और बेताल की कहानियां बहुत पुरानी है। वे मूल रूप से संस्कृत में लिखी गई थी। उज्जैन के राजा विक्रमादित्य (विक्रम) ने सन्यासी को वादा किया था कि वह बेताल को लेकर आएंगें। बेताल को लाने के लिए यह शर्त थी कि राजा विक्रम सारे रास्ते चुप रहेंगें। अगर राजा विक्रम बोलेंगे तो बेताल वापिस पीपल के पेड़ पर चला जाएगा। जब राजा विक्रम बेताल को लेकर राज्य की ओर जा रहे होते थे तब रास्ते में बेताल राजा विक्रम को एक कहानी सुनाता था। कहानी खत्म होने के बाद बेताल राजा विक्रम से सवाल पूछता था और विक्रम सवाल का उत्तर देता है। उत्तर देते ही राजा अपनी चुप्पी तोड़ देते थे और बेताल उड़ कर चला जाता था। बाल पाठकों के लिए विक्रम और बेताल की कुछ ऐसी ही अनोखी व अविश्वसनीय पूर्ण कहानियों का संग्रह प्रस्तुत कर रहे है। प्रत्येक कहानी कोई न कोई शिक्षा देती है। यही कारण है कि इन्हें सभी आयुवर्ग के पाठक बेहद रूचि से पढ़ते हैं। आशा है कि हमारे बाल पाठक इन कहानियों को पढ़कर आनंदित होंगे।भारत में अकबर और बीरबल की कहानियां बहुत प्रसिद्ध और लोकप्रिय हैं। मुगल बादशाह अकबर महान के दरबार में जो नौरत्न थे उनमें से बीरबल एक था। अपनी हाजिरजवाबी बुद्धिमानी और चतुराई के कारण बीरबल बादशाह अकबर का सबसे अधिक विश्वासपात्र सभासद था । अकबर बादशाह की ओर से बीरबल को मिलने वाले अथाह मान सम्मान को देखकर अन्य सभासद मन ही मन में जलते थे इसलिए वे हमेशा उसे नीचा दिखाने के लिए कुछ ना कुछ चाल चलते रहते थे।<br>जबकि बीरबल के रूप में अकबर ने सच्ची सहानुभूति रखने वाले दोस्त को पाया था। उनके बीच जो चतुराई भरी हास्यास्पद घटनाऐं घटीं थीं उन्हीं से भारतीय लोक कथाओं को एक समृद्धशाली विरासत मिलीं। पीढ़ी दर पीढ़ी अकबर बीरबल की ये कहानियां बच्चों के मानसिक विकास के लिए मार्गदर्शक के रूप में सुनाई जाती रही हैं। उन्हीं कहानियों में से कुछ चुनी हुई कहानियां रंगीन चित्रों के साथ यहां प्रस्तुत हैं इन रोचक कहानियों को पढ़कर बच्चों का खूब मनोरंजन होगा ऐसी उम्मीद है।तेनालीराम की कहानियाँ भी अकबर-बीरबल की तरह ही लोकप्रिय हैं | तेनाली को दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में तनालीरमन के नाम से भी जाना जाता है। वे विजयनगर के महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में नियुक्त थे । वे एक चतुर तथा बुद्धिमान व्यक्ति थे। और साथ ही बड़े हाजिर जवाब भी थे उनके आगे तो राजा भी हार मान जाते। वे अपनी सूझबूझ और चतुराई से बड़ी से बड़ी मुश्किल को आसानी से चुटकियों में हल कर देते। वे राजा के बड़े प्रिय भरोसेमंद व सराहनीय मित्रों में से थे। यहाँ हम तेनालीराम व कृष्णदेव राय की कुछ रोचक कहानियाँ चित्रों सहित प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा करते हैं कि पुनः पाठक इन्हें पढ़कर आनंदित होंगे।भारत में अकबर और बीरबल की कहानियां बहुत प्रसिद्ध और लोकप्रिय हैं। मुगल बादशाह अकबर महान के दरबार में जो नौरत्न थे उनमें से बीरबल एक था। अपनी हाजिरजवाबी बुद्धिमानी और चतुराई के कारण बीरबल बादशाह अकबर का सबसे अधिक विश्वासपात्र सभासद था । अकबर बादशाह की ओर से बीरबल को मिलने वाले अथाह मान सम्मान को देखकर अन्य सभासद मन ही मन में जलते थे इसलिए वे हमेशा उसे नीचा दिखाने के लिए कुछ ना कुछ चाल चलते रहते थे।<br>जबकि बीरबल के रूप में अकबर ने सच्ची सहानुभूति रखने वाले दोस्त को पाया था। उनके बीच जो चतुराई भरी हास्यास्पद घटनाऐं घटीं थीं उन्हीं से भारतीय लोक कथाओं को एक समृद्धशाली विरासत मिलीं। पीढ़ी दर पीढ़ी अकबर बीरबल की ये कहानियां बच्चों के मानसिक विकास के लिए मार्गदर्शक के रूप में सुनाई जाती रही हैं। उन्हीं कहानियों में से कुछ चुनी हुई कहानियां रंगीन चित्रों के साथ यहां प्रस्तुत हैं इन रोचक कहानियों को पढ़कर बच्चों का खूब मनोरंजन होगा ऐसी उम्मीद है।तेनालीराम की कहानियाँ भी अकबर-बीरबल की तरह ही लोकप्रिय हैं | तेनाली को दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में तनालीरमन के नाम से भी जाना जाता है। वे विजयनगर के महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में नियुक्त थे । वे एक चतुर तथा बुद्धिमान व्यक्ति थे। और साथ ही बड़े हाजिर जवाब भी थे उनके आगे तो राजा भी हार मान जाते। वे अपनी सूझबूझ और चतुराई से बड़ी से बड़ी मुश्किल को आसानी से चुटकियों में हल कर देते। वे राजा के बड़े प्रिय भरोसेमंद व सराहनीय मित्रों में से थे। यहाँ हम तेनालीराम व कृष्णदेव राय की कुछ रोचक कहानियाँ चित्रों सहित प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा करते हैं 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जाती रही है। यह हज़ार कहानियों का एक खूबसूरत गुलदस्ता है जिसमें प्रत्येक कहानियां एक फूल की तरह है। इन कहानियों में प्यार सुख दुःख दर्द धोखा बेवफाई ईमानदारी कर्तव्य भावनाएं जैसे भावों का अद्भुत संतुलन है जिसको पाठकों और श्रोताओं को हमेशा लुभाया है। इस कथा के अनुसार बादशाह शहरयार अपनी मलिका की बेवफाई से दुःखी होकर उसका और उसकी सभी दासियों का कत्ल कर देता है और प्रतिज्ञा करता है कि रोजाना एक स्त्री के साथ विवाह करूंगा और अगली सुबह उसे कत्ल कर दूंगा । बादशाह के नफ़रत से उत्पन्न नारी जाति के प्रति इस अत्याचार को रोकने के लिए बादशाह के वजीर की पुत्री शहरजाद उससे शादी कर लेती है । वह किस्सेकहानी सुनने के शौकीन बादशाह को विविध प्रकार की कहानियां सुनाती है जो हज़ार रातों में पूरी होती है । कहानी पूरी सुनने की लालसा में बादशाह अपनी दुल्हन का कत्ल नहीं कर पाता और उसे अपनी बेगम से प्यार हो जाता है । अपनी बेगम की बुद्धिमता से प्रभावित बादशाह औरतों के प्रति अपने मन में उत्पन्न नफ़रत को खत्म करने के अलावा अपनी प्रतिज्ञा भी तोड़ देता है और अंत में अपनी बेगम के साथ हंसीखुशी रहने लगता है।विक्रम और बेताल की कहानियां बहुत पुरानी है। वे मूल रूप से संस्कृत में लिखी गई थी। उज्जैन के राजा विक्रमादित्य (विक्रम) ने सन्यासी को वादा किया था कि वह बेताल को लेकर आएंगें। बेताल को लाने के लिए यह शर्त थी कि राजा विक्रम सारे रास्ते चुप रहेंगें। अगर राजा विक्रम बोलेंगे तो बेताल वापिस पीपल के पेड़ पर चला जाएगा। जब राजा विक्रम बेताल को लेकर राज्य की ओर जा रहे होते थे तब रास्ते में बेताल राजा विक्रम को एक कहानी सुनाता था। कहानी खत्म होने के बाद बेताल राजा विक्रम से सवाल पूछता था और विक्रम सवाल का उत्तर देता है। उत्तर देते ही राजा अपनी चुप्पी तोड़ देते थे और बेताल उड़ कर चला जाता था। बाल पाठकों के लिए विक्रम और बेताल की कुछ ऐसी ही अनोखी व अविश्वसनीय पूर्ण कहानियों का संग्रह प्रस्तुत कर रहे है। प्रत्येक कहानी कोई न कोई शिक्षा देती है। यही कारण है कि इन्हें सभी आयुवर्ग के पाठक बेहद रूचि से पढ़ते हैं। आशा है कि हमारे बाल पाठक इन कहानियों को पढ़कर आनंदित होंगे।अलिफ लैला की कहानी अरब देश की एक प्रचलित लोक कथा है जो पूरी दुनिया में सदियों से सुनी व पढ़ी जाती रही है। यह हज़ार कहानियों का एक खूबसूरत गुलदस्ता है जिसमें प्रत्येक कहानियां एक फूल की तरह है। इन कहानियों में प्यार सुख दुःख दर्द धोखा बेवफाई ईमानदारी कर्तव्य भावनाएं जैसे भावों का अद्भुत संतुलन है जिसको पाठकों और श्रोताओं को हमेशा लुभाया है। इस कथा के अनुसार बादशाह शहरयार अपनी मलिका की बेवफाई से दुःखी होकर उसका और उसकी सभी दासियों का कत्ल कर देता है और प्रतिज्ञा करता है कि रोजाना एक स्त्री के साथ विवाह करूंगा और अगली सुबह उसे कत्ल कर दूंगा । बादशाह के नफ़रत से उत्पन्न नारी जाति के प्रति इस अत्याचार को रोकने के लिए बादशाह के वजीर की पुत्री शहरजाद उससे शादी कर लेती है । वह किस्सेकहानी सुनने के शौकीन बादशाह को विविध प्रकार की कहानियां सुनाती है जो हज़ार रातों में पूरी होती है । कहानी पूरी सुनने की लालसा में बादशाह अपनी दुल्हन का कत्ल नहीं कर पाता और उसे अपनी बेगम से प्यार हो जाता है । अपनी बेगम की बुद्धिमता से प्रभावित बादशाह औरतों के प्रति अपने मन में उत्पन्न नफ़रत को खत्म करने के अलावा अपनी प्रतिज्ञा भी तोड़ देता है और अंत में अपनी बेगम के साथ हंसीखुशी रहने लगता है।
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