बचपन में एक खूबसूरत चंद्रहार देख कर जालपा में वैसा ही चंद्रहार पाने की जो इच्छा जागी थी, वह शादी के बाद और भी बलवती हो उठी, यहां तक कि वह चंद्रहार पाने के लिए वक्तबेवक्त पति को ताना मारने और खरीखोटी सुनाने से भी न चूकती। अंततः तंग आ कर एक दिन पति रमानाथ को पत्नी की यह इच्छा पूरी करनी ही पड़ी, मगर कैसेµयह एक रोचक एवं प्रेरणाप्रद कहानी है, जिस का आकर्षक तानाबाना एक उपन्यास ‘गबन’ के रूप में बुना गया है। कथा सम्राट प्रेमचंद ने यह रोचक उपन्यास मध्यवर्गीय परिवार को केंद्र में रख कर लिखा है, जिस में मध्यमवर्गीय परिवार की आर्थिक समस्याओं के साथसाथ मानव की सहज मनोवृत्तियों का भी स्वाभाविक चित्रण किया है। नारियों की आभूषणप्रियता उपन्यास का एक प्रासंगिक पहलू है। प्रेमचन्द हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार हैं और उनकी अनेक रचनाओं की गणना कालजयी साहित्य के अन्तर्गत की जाती है। ‘गोदान’ तो उनका सर्वश्रेष्ठ उपन्यास है ही, ‘गबन’, ‘निर्मला’, ‘रंगभूमि’, ‘सेवा सदन’ तथा अनेकों कहानियाँ हिन्दी साहित्य का अमर अंग बन गई … गोदान’ प्रेमचन्द का सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपन्यास है।
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