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About The Book
Description
Author
इस संचयन की कहानियाँ एकाधिक बार दूसरी भाषाओं में प्रकाशित हुई हैं। ऐसी ज्यादातर सन् साठ के दशक में रची गई कहानियाँ हैं जो आज भी अपनी सृजनात्मकता के कारण बाकी सृजन से अलग लगती हैं। ऐसी अलग ढंग की कहानियों के जब अनुवाद हुए तो उन्होंने अनूदित भाषाओं के पाठकों को ज्यादा नई चीजें पढ़ने के लिए प्रेरित किया और वे अन्य भाषाओं में विशेषकर अंग्रेजी में प्रकाशित होने लगीं। पश्चिम में भारतीय भाषाओं का साहित्य ही वह द्वार था जिससे आधुनिक भारत की तसवीर पश्चिमी मस्तिष्क अपने लिए तैयार कर सकता था। स्वतंत्रता के एक दशक बाद उस नए साहित्य का कई कारणों से महत्त्व था। वह आजाद भारत का प्रतिनिधि स्वर होने के साथ नए विश्व के साथ साझा करनेवाली बौद्धिकता की अकुलाहट से भरा भी था। उसमें नई सूचनाओं के आदान-प्रदान की ललक भी थी आशंकाएँ भी थीं और भारत की बदलती करवटों का प्रामाणिक दस्तावेज भी वही था। इसी कारण साठ के बाद के सृजन का महत्त्व रेखांकित हुआ। इन कहानियों को अपने नए पाठकों के सामने लाते हुए प्रकाशक को भी हर्ष होता है कि चालीस-पचास बरस पहले लिखी गई ये कहानियाँ हमारे बदलते समाज की बारीकियों को चित्रित करती हैं|