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About The Book
Description
Author
प्रस्तुत पुस्तक ‘गणपति से रूपवती तक’ में ईश्वर की स्तुति द्वारा ईश्वर के प्रति आस्थावान बने रहने की प्रेरणा निहित है। इसके बाद जन्मदाता मातापिता व जीवन के उन सभी रिश्तों व उन रिश्तों में निहित प्रेम तथा दर्द को अभिव्यक्त किया गया है। पाश्चात्य संस्कृति का अनुकरण करने वाली वर्तमान पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए 'वैलेंटाइन सप्ताह' के सत्य को उजागर करती हुई कुछ रचनाएँ प्रस्तुत की गई हैं। इसका ध्येय वर्तमान पीढ़ी को भारतीय संस्कृति के मूल्यों व सच्चे प्रेम से परिचित करवाना है। समाज के सुंदर व असुंदर पक्षों को दर्शाते हुए अंत में एक प्रतीकात्मक पात्र रूपवती का चित्रण करते हुए समाज में सद्गुणों का संचार करने का प्रयास किया गया है। जीवन के विविध रंगों से सराबोर यह पुस्तक प्रत्येक भारतीय के हृदय को भावों से भरकर अपनी सार्थकता सिद्ध करेगी, इसी आशा के साथ यह पुस्तक प्रेषित की जा रही है।