Garuda Purana
Hindi

About The Book

महर्षि कश्‍यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्‍णु का वाहन कहा गया है एक बार गरुड़ ने भगवान विष्‍णु से मृत्‍यु के बाद प्राणियों की स्थिति जीव की यमलोक-यात्रा विभिन्‍न कर्मों से प्राप्‍त होने वाले नरकों योनियों तथा पापियों की दुर्गति से संबंधित अनेक गूढ़ एवं रहस्‍ययुक्‍त प्रश्‍न पूछे। उस समय भगवान् विषणु ने गरुड़ की जिज्ञासा शांत करते हुए उन्‍हें लो ज्ञानमय उपदेश दि︎या था उसी उपदेश का इस पुराण में विस्‍तृत विवेचन किया गया है। सनातन हिन्‍दू धर्म में मृत्‍यु के बाद गरुड़ पुराण के श्रवण का प्रावधान है। इस पुराण के उत्‍तर खण्‍ड में ‘प्रकल्‍प’ का वर्णन है। इसे सद्गति प्रदान करने वाला कहा गया है। इसके अतिरिक्‍त इस पुराण में श्राद्ध-तर्पण मुक्ति के उपायों तथा जीवन की गति का विस्‍तृत वर्णन मिलता है।
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