*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹172
₹199
13% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
विश्व आस्था के जुड़वाँ नगर गया-बोधगया पर केन्द्रित गयासुर संधान’ कथ्य और शैली में युगान्तरकारी ध्वनि का एक ऐसा उपन्यास है जिसमें कल्पना इतिहास लोककथा दन्तकथा मिथक और यथार्थ का अद्भुत रोमांचक मिश्रण है। रहस्यमय और संक्रामक!गयासुर संधान’ की कथा बताती है कि अनैतिक कामनाएँ-एषणाएँ अन्तत: कैसे भस्म होती हैं। गयासुर के शरीर पर बसे होने की मान्यतावाली इस प्राचीन नगरी में सदैव से यह अटल आस्था है कि कामनामुक्त व्यक्ति के लिए ही यहाँ आश्रय है। अनर्गल कामना का परिताप बन्धन और व्यसन इस जुड़वाँ नगरी को सहन नहीं। गया के कण-कण में इहकाल-परकाल और जन्म-जन्मान्तर का महाशून्य अपने परम औघड़ भाव में विन्यस्त है। भारत की पौराणिक आख्यायिका परम्परा संस्कार दर्शन और चिन्तन के अर्क से निर्मित गयासुर संधान’ एक ऐसी गहन कृति है जो स्वदेशानुराग की महागाथा के संग-संग मनुष्य के लिए रोमांचक सत्यार्थ प्रकाश है।