Geetika Shatakveer
Hindi

About The Book

काव्य जीवन का वसंत काल है। जैसे वसंत में सुन्दर पुष्प खिलते हैं ठंडी हवा बहती है पंछी चहचहाते हैं ठीक वैसे ही काव्य में अक्षर खिलते हैं रस बहते हैं और राग चहचहाते हैं। और उस वसंत का क्या कहना जो कई बरसों बाद आया हो गीतिका बनकर। इस संग्रह में 100 गीतिकाएं हैं जो कभी जीवन की बात करती हैं तो कभी परमात्मा की। कभी प्रेम तो कभी त्याग। इसमें सब कुछ है जो मैंने जीवन से समझा है। आशा करती हूँ कि आप इसे पढ़कर आनंदित होंगे और मेरी 30 वर्षों की काव्य साधना को मेरे शब्दों के माध्यम से अनुभव करेंगे।
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