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About The Book
Description
Author
गोदान - प्रेमचंद जी का लिखा हुआ उपन्यास है। प्रेमचंद ने अपने इस उपन्यास में भारतीय किसान के सम्पूर्ण जीवन का जीता जागता चित्र प्रस्तुत किया है। प्रेमचंद के लिखे इस साहित्य में गांधीवाद से मोहभंग साफ-साफ जाहिर हो रहा है और यथार्थवाद नग्न रूप से परिलिक्षित किया गया है। अगर आपको तत्कालीन समय के भारत वर्ष को समझना है तो आपको प्रेमचन्द की लिखी गोदान को जरूर ही पढ़ना चाहिए। इसमें देश-काल की सभी परिस्थितियों का सटीक वर्णन किया गया है। इस कहानी में किसान का महाजनी व्यवस्था के चलते होने वाले शोषण और उससे उत्पन्न हुए संत्रास को दर्शाया गया है। गोदान एक भारतीय किसान होरी की आत्मकथा है जो अपने पुरे जीवन बहुत मेहनत करता है और अनेकों कष्ट सेहता है सिर्फ अपनी मर्यादा को बचाने के लिए। होरी को संयुक्त परिवार के विघटन की पीड़ा तोड़ कर रख देती है। उसके बावजूद होरी गोदान की इच्छा के कारण जीवित रहता है और इस दुनिया से कूच कर लेता है। यह कथा आपके मन में नायक होरी की वेदना की गहरी संवेदना से भर देगी।