Godan
Hindi

About The Book

लेकिन घर आकर उसने ज्योंही वह प्रस्ताव किया कि कुहराम मच गया। बनिया तो कम चिल्लाई वोनों लड़कियों ने तो दुनिया सिर पर उठा ली। नहीं देते अपनी गाय रुपये जहाँ से चाहो लाओ। सोना ने तो यहाँ तक कह डाला इससे तो कहीं अच्छा है मुझे बेच डालो। गाय से कुछ बेसी ही मिल जायेगा। होरी असमंजस में पड़ गया। दोनों लड़कियाँ सचमुच गाय पर जान देती थीं। रूपा तो उसके गले से लिपट जाती थी और बिना उसे खिलाये कौर मुँह में न डालती थी। गाय कितने प्यार से उसका हाथ चाटती थी कितनी स्नेहभरी आँखों से उसे देखती थी। उसका बछड़ा कितना सुन्दर होगा। अभी से उसका नामकरण हो गया था-मटरू। वह उसे अपने साथ लेकर सोयेगी। इस गाय के पीछे दोनों बहनों में कई बार लड़ाइयाँ हो चुकी थीं। सोना कहती मुझे ज्यादा चाहती है रूपा कहती मुझे। इसका निर्णय अभी तक न हो सका था। और दोनों दावे कायम थे।
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