Googly

About The Book

स्कूल के आखिरी और कॉलेज के शुरुआती वर्षों का यादगार और अलमस्त समय! जब स्कूल के अनुशासन से छूटे और जवानी की दहलीज़ पर खड़े छात्र अपनी आज़ादी और महत्वाकांक्षाओं की उड़ान को परखने लगते हैं। जीवन के कठोर यथार्थ से बेपरवाह ये समां होता है दोस्त बनाने का सपने देखने का। भिलाई के एक स्कूल में पढ़ने वाले कुछ दोस्तों की ऐसी ही कहानी है गुगली। दोस्त जो एक दूसरे पर जान छिड़कते हैं और आजीवन दोस्ती की कसमें खाते हैं। सब क्रिकेट के दीवाने हैं और इनका कैलेंडर एक टैस्ट मैच से दूसरे टैस्ट मैच तक चलता है। दोस्ती और क्रिकेट के बीच पहला-पहला प्यार भी अंकुरित होता है। दोस्तों की प्रगाढ़ मित्रता क्रिकेट के लिए जुनून जीवन और कैरियर की जद्दोजहद सच्चे प्यार को शिद्दत से पाने की प्रबल इच्छा को लेखक ने बहुत खूबसूरती से उकेरा है। स्टील सिटी भिलाई में जन्मे पले-बढ़े आईटी कम्पनी में कार्यरत ज्ञानेश साहू को बचपन से ही यात्रा-डायरी लिखने का शौक था। वे कुछ-न-कुछ लिखते ही रहते हैं। गुगली उनका पहला हिन्दी उपन्यास है। सम्पर्क: gyanesh20sahuatg
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