यह कहानी एक ऐसी औरत की है जो गोपुरी से गफूरन बन जाती है परंतु धर्म बदलकर भी उसकी गरीबी और बदनसीबी कम नहीं होती और वह हीन भावना से ग्रस्त होकर पागलपन की हद तक पहुंच जाती है। यह उपन्यास पहाड़ की नरक भरी जिंदगी जीने वाली महिला गोपूली के जीवन पर आधारित है जो बेस्टसेलर की श्रेणी में आता है।. About the Author शैलेश मटियानी आधुनिक हिन्दी साहित्य-जगत् में नयी कहानी आन्दोलन के दौर के कहानीकार एवं प्रसिद्ध गद्यकार थे। उन्होंने 'बोरीवली से बोरीबन्दर' तथा 'मुठभेड़' जैसे उपन्यास चील अर्धांगिनी जैसी कहानियों के साथ ही अनेक निबंध तथा प्रेरणादायक संस्मरण भी लिखे हैं।.