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About The Book
Description
Author
गुलबदन हिन्दू थी या मुसलमान यह कोई नहीं जानता परंतु उन्हीं में से कोई थी। वह नटिनी की बेटी थी - रूपाजीवा जिसका कोई धर्म नहीं होता। मुगल काल के पतन की व्यापक पृष्ठभूमि पर ख्यातिप्राप्त उपन्यासकार ताराशंकर वन्धोपाध्याय ने तत्कालीन समाज का अत्यंत भव्य चित्र उपस्थित किया है जो लेखक की विलक्षण शैली का परिचायक है| About the Author ताराशंकर वन्धोपाध्याय प्रसिद्ध बांग्ला साहित्यकार हैं। इन्हें गणदेवता के लिए 1966 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ताराशंकर बंधोपाध्याय को साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1969 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास आरोग्य निकेतन के लिये उन्हें सन् 1956 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया|