Gullak Ehsason Ki

About The Book

कुछ देखा कुछ सुना कुछ महसूस कियाइन्ही सब अहसासों को लफ़्ज़ों का रूप दिया।मेरा पहला प्रयास *मेरे जज़्बात मेरे अल्फ़ाज़* मेरी काव्य-संग्रह पुस्तिका के रूप में प्रकाशित होने से मेरी चिर प्रतीक्षित आकांक्षा पूर्ण होने से मेरे सपनों को नई उड़ान मिली। अब मैं अपनी द्वितीय पुस्तक *गुल्लक अहसासों की* के रूप में आपके समक्ष हूँ। हृदय के धरातल में तरंगित होती विभिन्न संवेदनाओं एवं भावनाओं को समेटकर इस काव्य- संग्रह रूपी गुल्लक (पुस्तक) में कलमबद्ध किया है।
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