*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹140
₹179
21% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
है तमन्ना जो तेरी चाह की है जो डर यह बना हुआ के रहूँ जो तुझसे जुदा-जुदा तो न चाह सकूँ गुल ए आशना । यूँ ही कुछ जीवन भी हमको एक तपिश सा मालूम होता है जहाँ फूल तक पहुँचना काँटों से होकर गुज़रने का ही एक रास्ता है । मेरी किताब को जब मैंने गुलपोश का नाम दिया उसके पीछे यही एक सार था कविताएँ/ नज़्में हर दौर का एक तोहफा रही हैं जो सबके जीवन के परिश्रम का ही एक रूप है . गुलपोश भी एक काँटों भरा फूल है जो तस्वीरों से अपनी गुज़री हुई खुद बताता है कुछ कहती हैं प्यार कुछ कहती हैं लाचार कुछ कहती है कहानियाँ कुछ कहती हैं नादानियाँ बचपन की पहेलियों से लेकर सपनो के चाँद तक रंग मंच से लेकर लोकतंत्र भी इसमें शामिल है । पेश है आप सबकी नज़र लबों पे खामोश गुलपोश !! --- युवा हिन्दी लेखिका भारती चेलानी मूल रूप से मध्यप्रदेश के सबसे हरे-भरे शहर भोपाल से ताल्लुक़ रखती हैं। फ़िलहाल मुम्बई में रहती हैं। कुछ समय पूर्व ही इन्होंने मुम्बई से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है और आगे एमबीए करने की तैयारी कर रही हैं। पढ़ाई के साथ-साथ इन्होंने कई कंपनियों में इंटर्नशिप भी की है। भारती जी कहती हैं कि भोपाल से मुम्बई तक के सफ़र में काफी बदलाव आए किन्तु मेरे हिसाब से हम सभी का छोटा सा भाग है समाज में अन्तर लाने का और उसे बेहतर बनाने का। कविता के अलावा भारती जी वॉल पेंटिंग आर्ट और भारतीय शास्त्रीय संगीत में बेहद रुचि रखती हैं।