प्रिय भक्तों मेरे गुरु महाराज और श्री हरि की कृपा से एवं प्रेरणा से मैं अपने स्वयं के कुछ आध्यात्मिक अनुभवों को नारायण प्रिय भक्तों के साथ साझा कर रहा हूं । इस नश्वर संसार में मानव तरह-तरह की यातनाएं झेलता है एवं उसके निवारण हेतु जगह-जगह भटकता है । पूजा स्थलों के चक्कर लगाता है किंतु उसके कष्ट दूर नहीं होते । वह इस बात से अनभिज्ञ रहता है कि श्री हरि तो उसके अंतर्मन में ही विद्यमान हैं । आत्म-दर्शन एवं आंतरिक कुंडलियों को जागृत कर वह सुख-शांति का अनुभव कर सकता है । मेरा यह संग्रह आपके कष्ट का निवारण कर पाए तो मुझे अपार हर्ष होगा । इन कथनों में सभी के सम्मान एवं व्यक्तिगत भावनाओं के हित का विशेष ध्यान रखा गया है । किसी भी त्रुटि हेतु क्षमा प्रार्थी ।पंo रमेश कुमार शर्मा
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