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About The Book
Description
Author
★ हम सभी भारतवासी बड़े ही भाग्यशाली हैं कि हमें श्रीमद्भगवद्गीता जैसी श्रेष्ठ चिंतन-संपदा प्राप्त हुई है।★ हजारों वर्ष पूर्व श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश श्रोता-पाठक वर्ग को आज भी उतने ही प्रासंगिक लगते हैं।★ इस पवित्र ग्रंथ में प्रस्तुत किए गए चिंतन का विश्लेषण कर सुधीजनों हेतु उपलब्ध कराने का श्रेष्ठ कार्य अनेक महानुभावों ने अपनी-अपनी शैली से किया है। इस शृंखला में ज्ञानेश्वरी का अपना विशेष स्थान है।★ अत्यंत जटिल कठिन चिंतन को अत्यंत सरल भाषा में नित्य अनुभव में आनेवाले दृष्टांतों के साथ और तर्कशुद्ध पद्धति से संत ज्ञानेश्वर ने प्रस्तुत किया है।★ मुख्यतः ज्ञानेश्वरी और पू. स्वामी चिन्मयानंद के व्याख्यानों के संग्रह के आधार पर प्रस्तुत संकलन न विश्लेषण है न समीक्षात्मक विवेचन।★ यह अनेकानेक महानुभावों द्वारा प्रस्तुत की गई संकल्पनाओं को उन्हीं के शब्दों को सरलता से प्रस्तुति का एक प्रयास मात्र है।.