काव्य रचना वास्तव में व्यक्ति के मन में उठ रहे भावों की अभिव्यक्ति ही है जो रोज़मर्रा की घटनाओं से प्रभावित होती है। इन्हें कलमबंद करना ही कविता नज़्म या ग़ज़ल कहलाती है। पुस्तक में प्रस्तुत रचनाएँ कविता हैं भी और नहीं भी नज़्म हैं भी और नहीं भी ग़ज़ल हैं भी और नहीं भी। इन कृतियों को कागज पर उकेरते समय मैंने पंक्तियों के लय और नियमों के बारे में कम तथा भावों की अभिव्यक्ति को ज़्यादा महत्व दिया है। मन में समय-समय पर विभिन्न स्थिति और परिस्थिति में जो भाव उपजे उन्हें ही शब्दों में पिरोने का काम मैंने सहज रूप से करने का प्रयास किया है। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि मेरी रचनाएँ आप पाठकों तक अपने मूल स्वरूप में पहुँचे और अगर यह आपके मन के किसी कोने को छूने में कामयाब होती हैं तो मेरा यह प्रयास सफल होगा।
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