‘हाफ़ ए लाइफ’ अधूरेपन का उपन्यास है. इसका नायक विली निर्वासित-सा जीवन जीता है. उसके भारतीय माता-पिता मिश्रित जाति (अलग-अलग जाति) के हैं जो उनकी अपनी सम्पूर्णता में भी बाधक बन गई है. विली के सामने पिताजी के अधूरे जिए गए जीवन के कुछ उदाहरण हैं वह भी उसी राह पर चलता दिखाई देता है. उसके पास केवल वादे हैं; न सुदृढ़ विषय न समुचित उद्देश्य. इंग्लैण्ड जाकर वह अपने निजी स्वातन्त्र्य के बारे में लिखने की सोचता है अपने अतीत कुल परम्पराओं एवं स्वयं की समीक्षा करना चाहता है लेकिन करता कुछ नहीं. आइडेन्टिटी की तलाश इस उपन्यास का केन्द्रीय तत्त्व है जिसका गहरा सम्बन्ध ऐन्द्रिकता (सेन्सुअलिटी) और अन्यत्व (अदरनेस) से है. विली का यह अन्यत्व उसे सेक्स जैसे निजी क्षणों में भी नहीं छोड़ता वह पूरी तरह किसी का नहीं हो पाता अपना भी नहीं.--
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