किसी भी स्वप्न को साकार करने के लिए मनुष्य को यह विश्वास करना पड़ेगा कि असंभव को पार किया जा सकता है। श्रद्धा उपलब्धि की पहली आवश्यकता है और उस श्रद्धा को अटल बनाए रखना दूसरी आवश्यकता। जब आप श्रद्धा से आगे बढ़ते हैं तो आप भविष्य में कदम रख देते हैं। यह सिद्धांत अत्यंत प्रभावकारी है यदि मनुष्य उद्देश्य व योजना से अपने कार्य में आगे बढ़े।यदि हमारा भरोसा उत्तम आकार लेगा तो कार्य का निष्पादन निस्संदेह अच्छा ही होगा। ऐसा करने पर हमारे द्वारा कल्पित स्वप्न की ओर बढ़ना निश्चित है। विश्वास वह अक्सीर है