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About The Book
Description
Author
इस पुस्तक को तीन विषयों से सँजोया गया है जिसमें लेखक की जीवनगाथा है कि कैसे एक हॉकर से अपनी यात्रा प्रारंभ करके अखबारी सेल्स की दुनिया के सर्वोच्च शिखर प्रसिद्ध हिंदी दैनिक ‘हिंदुस्तान’ के ‘नेशनल सेल्स हेड’ पद पर पहुँचा। इसके साथ ही अखबारी दुनिया में बिताए शानदार 38 वर्षों के उल्लेख के साथ अखबारी दुनिया के उतार-चढ़ाव पर प्रकाश डाला गया है। यह पूर्णतः सत्य है कि अखबारी सेल्स अन्य सेल्स के मुकाबले पूर्णतया भिन्न है। जब सारी दुनिया सोती है तब अखबारी सेल्स के लोग सेल्स का काम करते हैं तथा यह पूरी तरह असंगठित एवं अपने आप में अजूबा पेशा है। इस पर कोई पुस्तक अभी तक नहीं लिखी गई है; न ही अखबारी सेल्स के बारे में—जैसे अखबारों में चलाई जानेवाली पाठक एवं वितरक स्कीम ऑडिट ब्यूरो ऑफ सरकुलेशन डी.ए.वी.पी. आर.एन.आई. आई.आर.एस. आदि के विषय में कोई पुस्तक उपलब्ध नहीं है। यह पुस्तक सरकुलेशन-सेल्स में काम करनेवाले सहयोगियों एवं भविष्य में इस क्षेत्र में आनेवाले साथियों के लिए बहुत ही उपयोगी पुस्तक होगी। वहीं अखबारी दुनिया के किसी भी विभाग में काम करनेवालों के लिए भी यह पुस्तक प्रेरणादायी एवं उपयोगी साबित होगी। आज के युवा वर्ग के लिए यह पुस्तक एक प्रेरणा के रूप में होगी कि बिना उच्च शिक्षा पाए एवं नितांत अभाव में भी संघर्ष करके जिंदगी में तथा अपने कॅरियर में कैसे आगे बढ़ सकते हैं।.