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About The Book
Description
Author
स्वदेशाभिमान का अर्थ मैं देश का हित समझता हूँ। अगर देश का हित अंग्रेज़ों के हाथों होता हो तो मैं आज अंग्रेज़ों को झुककर नमस्कार करूँगा। अगर कोई अंग्रेज़ कहे कि देश को आज़ाद करना चाहिए ज़ुल्म के खिलाफ़ होना चाहिए और लोगों की सेवा करनी चाहिए तो उस अंग्रेज़ को मैं हिन्दुस्तानी मानकर उसका स्वागत करूँगा। - मोहनदास करमचंद गांधी