HINDI CINEMA : SAMAJIK SAROKAR AUR VIMARSH

About The Book

पत्रकार फिल्म प्रेमी और अध्येता अवधेश श्रीवास्तव की पुस्तक हिन्दी सिनेमा: सामाजिक सरोकार और विमर्श उसी सिलसिले की एक कड़ी है। इस पुस्तक में समय समय पर और विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनके लेख शामिल हैं। पर इन लेखों में एकसूत्रता भी है। कई मुद्दे तो ऐसे हैं जो हिंदी सिनेमा को बार बार मथते रहे हैं- जैसे फिल्म और साहित्य का क्या संबंध होना चाहिए फिल्मों की सामाजिक भूमिका क्या है या कैसी होनी चाहिए नैतिक मूल्यों और अश्लीलता जैसे वैचारिक प्रश्नों की सिनेमा में क्या भूमिका होनी चाहिए आदि आदि। ये ऐसे मुद्दे हैं जिनको लेकर कोई आिऽरी बात नहीं कही जा सकती। हर दौर का फिल्म लेखक या समीक्षक इन सवालों से दो चार होता है और अपना दृष्टिकोण तय करता है। अवधेश श्रीवास्तव भी इन सबसे टकराते और जूझते रहे हैं। उसके साक्ष्य इस पुस्तक में पढ़े जा सकते हैं।
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