*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹214
₹300
28% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
तुम लोग आर्य ऋषियों के वशंधर हो ऋषियों के जिनकी महत्ता की तुलना नहीं हो सकती। मुझे इसका गर्व है कि मैं तुम्हारे देश का एक नगण्य नागरिक हूँ। अतएवं भाइयो आत्मविश्वासी बनो। पूर्वजों के नाम से अपने को लज्जित नहीं गौरवान्वित समझो। याद रहे किसी का अनुकरण कदापि न करना कदापि नहीं। जब कभी तुम औरों के विचारों का अनुकरण करते हो तुम अपनी स्वाधीनता गँवा बैठते हो। -इसी पुस्तक से प्रस्तुत पुस्तक हिंदू धर्म हमारा जन्मप्राप्त धर्म में स्वामीजी ने सरल शब्दों में वेदप्रणीत हिंदू धर्म उसकी सार्वभौमिकता उसकी उदारता व्यापकता और सर्वधर्म समभाव की उसकी मौलिकता की अनिर्वचनीय व्याख्या की है और मानव-मन में हिंदू धर्म को लेकर सदा से पनपते कतिपय अनुत्तरित प्रश्नों के सटीक व तार्किक उत्तर दिए हैं। एक अत्यंत प्रेरक रोचक और ओजपूर्ण पुस्तक जो जीवन में दैविक आशा का संचार करती है।