भारत एक पुनर्विचारसंवाद सहयोग और सहभागिता के आधार पर तैयार शृंखलायह एक प्रयास है जो:- देश की वर्तमान समस्याओं और चुनौतियों के सकारात्मक समाधान को खोजता है- हमारे बुनियादी संवैधानिक मूल्यों पर आधारित है- एक सौ चालीस करोड़ भारतीयों के विकास के साझा लक्ष्य को क्रियान्वित करेचैदह पुस्तकों की शृंखला समृद्ध भारत फ़ाउंडेशन द्वारा चार वरिष्ठ संपादकों - आकाश सिंह राठौर मृदुला मुखर्जी सैयदा हमीद और पुष्पराज देशपांडे - की देख-रेख में तैयार की गई है। भारत के 150 प्रमुख विचारकों के योगदान से संपन्न यह शृंखला वर्तमान सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक प्रतिमानों का पुनर्विचार करती है ताकि भारत के संवैधानिक मूल्यांे को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सके। प्रत्येक पुस्तक देश के किसी एक ज्वलंत मुद्दे पर केंद्रित है और उसे उस विषय के विशेषज्ञों द्वारा लिखा गया है।हम भारत के लोग: लोकतंत्र की बुनियाद और अधिकारों की स्थापना निर्विवाद सार्वभौमिक अधिकारों के अंकुरण और विकास की प्रक्रिया तथा भारत में उन्हें मूर्त अधिकारों के रूप में स्थापित किए जाने का विश्लेषण करती है। यह पुस्तक इन अधिकारों को स्थापित करने उन्हें प्राप्त करने और संरक्षित रखने की निरंतर चुनौतियों पर भी विचार करती है।
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