Humko naaz hai... desh bhasha aur sanskriti par

About The Book

‘हमको नाज़ है...... देश भाषा संस्कृति पर’देश के प्रति अपने प्रेम अपनी श्रद्धा को व्यक्त करने के अनेक तरीके हो सकते हैं। हम अगर अपनी भाषा अपनी संस्कृति अपने साहित्य में आस्था रखते हैं तो हम देश के प्रति भी श्रद्धा भाव रखते हैं। केवल एक सैनिक ही देशभक्त नहीं होता है हर एक नागरिक जो देश के संविधान का पालन करता है शहीदों की शहादत को सम्मान करता है भाषा परिवार समाज के प्रति सहज और सम्मानजनक भाव रखता है वह एक राष्ट्रभक्त है। अपनी इस पुस्तक में मैंने देश प्रेम के अनेक आयाम को समाहित करते हुए उस पर कविताएं लिखी हैं। मैंने अपने प्यारे वतन हिंदुस्तान की विविध खूबियां इसकी सांस्कृतिक धरोहर इसकी प्राकृतिक धरोहर पर काव्य रचना की है। हमारे देश के महापुरुष नेताजी सुभाष चंद्र बोस महात्मा गांधी जी लाल बहादुर शास्त्री जी सरदार भगत सिंह जी इन सब के ऊपर भी मैंने कविता के रूप में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं। मैंने अपने प्रदेश- उत्तर प्रदेश के ऊपर भी एक काव्य रचना की है और उत्तर प्रदेश की खूबियों के बारे में उसमें बताया है।
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