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About The Book
Description
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This combo product is bundled in India but the publishing origin of this title may vary.Publication date of this bundle is the creation date of this bundle; the actual publication date of child items may vary.भारत में अकबर और बीरबल की कहानियां बहुत प्रसिद्ध और लोकप्रिय हैं। मुगल बादशाह अकबर महान के दरबार में जो नौरत्न थे उनमें से बीरबल एक था। अपनी हाजिरजवाबी बुद्धिमानी और चतुराई के कारण बीरबल बादशाह अकबर का सबसे अधिक विश्वासपात्र सभासद था । अकबर बादशाह की ओर से बीरबल को मिलने वाले अथाह मान सम्मान को देखकर अन्य सभासद मन ही मन में जलते थे इसलिए वे हमेशा उसे नीचा दिखाने के लिए कुछ ना कुछ चाल चलते रहते थे।<br>जबकि बीरबल के रूप में अकबर ने सच्ची सहानुभूति रखने वाले दोस्त को पाया था। उनके बीच जो चतुराई भरी हास्यास्पद घटनाऐं घटीं थीं उन्हीं से भारतीय लोक कथाओं को एक समृद्धशाली विरासत मिलीं। पीढ़ी दर पीढ़ी अकबर बीरबल की ये कहानियां बच्चों के मानसिक विकास के लिए मार्गदर्शक के रूप में सुनाई जाती रही हैं। उन्हीं कहानियों में से कुछ चुनी हुई कहानियां रंगीन चित्रों के साथ यहां प्रस्तुत हैं इन रोचक कहानियों को पढ़कर बच्चों का खूब मनोरंजन होगा ऐसी उम्मीद है।बेताल पच्चीसी 25 कथाओं का एक अनोखा संग्रह है। जिसमें प्रसिद्ध राजा विक्रमादित्य की यायप्रियता को अलग-अलग दृष्टिकोण से दिखाया गया है। इस कारण पूरी दुनिया में वह न्याय के लिए जाने जाते हैं। <br><br>बेताल इस संग्रह में विक्रमादित्य को 25 कहानियां सुनाता है। प्रत्येक कहानी के अन्त में एक ऐसा प्रश्न खड़ा कर देता है जिसका जवाब देना एक राजा का धर्म होता है। जैसे ही विक्रम उस प्रश्न का जवाब देता है तो कहानी की शर्त के अनुसार बेताल विक्रम से रूठकर फिर से पेड़ पर लटक जाता है। <br><br>यह कहानी संग्रह विक्रम और बेताल के बीच का संवाद ही नहीं है बल्कि आधुनिक समाज में न्याय के प्रति साफ दृष्टिकोण रखने में पाठक को मदद भी करती है।