Ilm Mein Bhi Suroor Hai Lekin


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About The Book

इल्म में भी सुरूर है लेकिन’ धीरेन्द्र सिंह ‘फ़ैयाज़’ की एक पथ-प्रदर्शक किताब है। यह एक ऐसी किताब है, जो कि ग़ज़ल और नज़्म के व्याकरण की मूलभूत अवधारणाओं की स्पष्ट समझ विकसित करती है। किताब में इस बात पर ख़ासा ज़ोर दिया गया है कि पाठक ग़ज़ल की व्याकरण की आधारभूत धारणाओं को सरलता से समझ सके और बिना किसी त्रुटि के ग़ज़ल की रचना कर सके। ग़ज़ल हालाँकि उर्दू शाइरी की विधा है लेकिन बढ़ती हुई इसकी लोकप्रियता ने हिंदी साहित्य जगत में भी अपना एक विशेष स्थान बना लिया है।|‘इल्म में भी सुरूर है लेकिन’ धीरेन्द्र सिंह ‘फ़ैयाज़’ की एक पथ-प्रदर्शक किताब है। यह एक ऐसी किताब है जो कि ग़ज़ल और नज़्म के व्याकरण की मूलभूत अवधारणाओं की स्पष्ट समझ विकसित करती है। किताब में इस बात पर ख़ासा ज़ोर दिया गया है कि पाठक ग़ज़ल की व्याकरण की आधारभूत धारणाओं को सरलता से समझ सके और बिना किसी त्रुटि के ग़ज़ल की रचना कर सके। ग़ज़ल हालाँकि उर्दू शाइरी की विधा है लेकिन बढ़ती हुई इसकी लोकप्रियता ने हिंदी साहित्य जगत में भी अपना एक विशेष स्थान बना लिया है। हिंदी में ग़ज़ल कहने वालों की संख्या बहुतायत में है लेकिन ग़ज़ल के व्याकरण को समझने-सीखने की बात आती है तो इससे संबंधित अधिकतर अच्छी किताबें उर्दू भाषा (नस्तालीक़ लिपि) में मिलती हैं। यह किताब उर्दू शाइरी के छंदशास्त्र को देवनागरी लिपि में बहुत आसान और दिलचस्प तरीक़े से समझाने का सफल कार्य है।
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