यह उपन्यास इतिहास की बहती एक सच्ची धारा है। मनुष्य को दुख से आनंद की ओर लाने के लिए रोचक और मार्मिक कथानक बनाया गया है। सामंती मूल्यों के साथ-साथ इस उपन्यास में उस सामाजिक परिवर्तन का संकेत किया गया है जो वर्ग और जाति की दीवारों को तोड़कर उपजता है और नए समाज में रूपांतरित हो जाता है।.About the Authorजयशंकर प्रसाद हिन्दी के प्रख्यात कवि नाटककार कहानीकार उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने कविता कहानी नाटक आदि विधाओं में जमकर लिखा और उत्कृष्ट पुस्तकें हिन्दी साहित्य को दी।.