यह अमर प्रेमकथा का दस्तावेज है। इसे बहुत ही सधी हुई भाषा में लिखा गया है। अमृता प्रीतम ने इस पुस्तक के बारे में स्वयं लिखा है एक अमर प्रेम कथा सभी अवाक् रह जाते हैं। जैसे वक्त ठहर गया हो। ओशो सू से कहते हैं ''कब से बुला रहा हूं अब आई हो इतनी देर कर दी।'' किसी को कुछ भी समझ नहीं आता है। सू उन कालजयी आंखों में डूब गई वक्त जैसे 23 साल पीछे चला जाता है।.