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About The Book
Description
Author
यह किताब के रूप में हैं। लेकिन यह केवल किताब मात्र ही नही है। लेखक द्वारा युवाओं के उस दर्द को लिखा गया है। जब उसके सामने प्यार और पढ़ाई में किसी एक को ही चुनने का विकल्प रहता हैं। जबकि उसे दोनों ही चाहिए। जब उसकी आशिकी का सबको पता चलता है तो पढ़ाई में क्या क्या समस्याएं आती हैं ? UPSC करके दुनिया को झुकाने का ख्वाब देखने वाला , इश्क करके खुद ही दुनिया के सामने गिड़गिड़ाने लगा। अपनी प्रेमिका को हमेशा कर्मशक्ति पर जीतने का दावा करने वाला अब वो उसकी भाग्यरेखा पढ़ कर पीछे हट जाता हैं। क्या करे जब महताब और किताब एक दूसरे से दूर ले जा रही हों ? कैसे इश्क़ में अच्छे अच्छों की पढ़ाई छूट जाती हैं ? कैसे इश्क उस व्यक्ति को भी खामोश कर देता हैं ? जो दुनियां पर घंटो बातें करते नही थकता था। कैसे इश्क उसकी भी नजरे झुका देता हैं ? जो सोचता था एक दिन जिले का सबसे बड़ा अधिकारी बनूंगा। क्या होता हैं जब किताब खरीदने को मिले पैसे से महबूब को गुलाब खरीद कर देता हैं ? कैसे UPSC की तैयारी के दौरान कमाई इज्जत, शोहरत , विश्वास , भरोसा और ज्ञान से मिली पहचान इश्क़ करने के बाद सब मिट्टी में मिल जाती हैं। कैसे वो लोग भी ताने मारने लगते हैं जो हर बात पर उससे सलाह लेते थे ? जिनका पूरा चरित्र सैकडो दागो से भरा पड़ा होता हैं। वो हमारे चरित्र की सफेद चादर पर लगे प्रेम के रंग को घिस घिस कर दाग बना देते हैं। फिर वो भी हमे इज्जत की परिभाषा सिखाने लगते हैं जिन्होंने दामन की धज्जियां उड़ा दी हों। इस किताब के पहले चैप्टर में __ UPSC या अन्य बड़ी परीक्षाओं के दौरान इश्क करने से आने वाली समस्याओं के बारे में एक कहानी एक माध्यम से बहुत गहराई से समझाने का प्रयास किया गया है। कि लगभग हर युवा को इश्क़ कैसे तोड़ देता है।