ISHWAR SE MULAKAT – TUMHE JO LAGE ACHHA WAHI MERI ICHHA
Hindi

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कितनी शुभ है यह इच्छा ईश्वर से मुलाकात करने की। क्या आपमें भी ऐसी इच्छा जगी है कि किसी दिन आप ईश्वर से मिल पाओ और बातें कर पाओ? यदि हाँ तो देर किस बात की है? देर है आपके अंदर प्रार्थना उठने की।यह प्रार्थना थी एक बच्चे की जिसने मंदिर में अपने माता-पिता को ईश्वर की मूरत के आगे सिर झुकाते हुए देखा। बच्चे ने देखा कि कैसे मेरे माता-पिता रोज मंदिर आते हैं…यहाँ से थोड़ा-सा अमृत मिलने पर भी स्वयं को तृप्त महसूस करते हैं…रोज ईश्वर से बातें करते हैं…। तो उसके मन में प्रश्न उठा ‘हम तो रोज ईश्वर से बात करते हैं। ऐसा दिन कब आएगा जब ईश्वर भी हमसे बात करेगा हमसे मुलाकात करेगा?’उस बच्चे का यह विचार उसकी प्रार्थना बन गया। इस प्रार्थना के बाद उस बच्चे को ईश्वर की सबसे खूबसूरत नियामत मिली—‘भक्ति’; और वह बच्चा कहीं और नहीं आपके अंदर है। भक्ति नियामत ईश्वर से मिलने का सबसे सहज व सरल मार्ग है। तो आइए इस पुस्तक के जरिए भक्ति की इस खूबसूरत नियामत को समझें और कहें ‘तुम्हें जो लगे अच्छा वही मेरी इच्छा।’
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